"धन्यवाद"
सुबह हवा के ठंडे झोकों से
आंखे तो खुली पर नींद चढ़ी
जब आंख पड़ी मोबाईल पर
दिल की धड़कन बड़ी तेज बढ़ी ।।
न घु-घु किया न ट्रिंग-व्रिंग की
चुप-चाप गुम-सुम सा था वो पड़ा
एक बार धड़कने रुकी मेरी
फिर सोचा चार्जिंग पे दूं लगा ।।
अजी, इससे बड़ी कोई खुशी कहां !!!
वो ऑन हुआ और जाग गया
थोड़ी घु-घु की थोड़ी ट्रिंग-व्रिंग की
तब जाकर मुझे चैन मिला ।।
Skype, WhatsApp, GMail में
खुशियों के मैसेज बिखरे थे
कुछ प्यार भरे से Emoji
कुछ Wishes थे, बड़े निखरे से ।।
दुनिया में कुछ ही साल हुए
हर साल मेरा कोई खास मिला
मैं शुक्रगुजार हूँ उस लम्हे का
जबभी मैं कभी-किसी इंसा से मिला ।।
कुछ खास संग-संग चलते हैं
कुछ खास पास में रहते हैं
कुछ खास कभी-कभी मिलते हैं
कुछ खास कुछ नहीं कहते हैं ।।
जीवन अस्थिर तो सबका है
मिलते हैं खास भी कभी-कभी
सीमित पग-डग लम्बी मंजिल
तय कर लेना कोई खेल नहीं ।।
आज आभारी हूँ मैं उन सब का
जिनसे मिला मुझे प्रेम-प्रसाद
उस-उस को मेरा धन्यवाद,
उन-सब को मेरा धन्यवाद!!!
👌👌👌
ReplyDelete👌✌
ReplyDeleteBahut Badia shukla Ji.. Amazinggg
ReplyDeleteKya baat kya baat kya baat...
ReplyDeleteShandar...