" तू है जग में "
हे राम मेरे, हे रहीम मेरे,
हे गुरु नानक, कबीर मेरे
दे शक्ति मुझे दूँ बता उसे,
तू है जग में तू है जग में ।।
कोई ऐसी शक्ति तू दे-दे मुझे,
उसके तन को पावन कर दूं ,
यथा-व्यथा को अदल-बदल कर,
पावन मन को अतिभावन कर दूं ।।
कोई ऐसी शक्ति तू दे-दे मुझे,
मैं ख़तम करूं संताप सभी,
एक आग जला कर राख करू,
इस दुनिया के मैं पाप सभी ।।
तू खुद भी तड़प उठेगा ए रब,
ज़रा झांक तो ले उसके मन में,
दे शक्ति मुझे दूं बता उसे,
तू है जग में तू है जग में ।।
vaah vaah......so nyc lines.......keep writing..hiii
ReplyDeleteGreat poem...rare to see someone writing in Hindi...in this country...
ReplyDeleteKeep it up!
Wow nice...
ReplyDelete👌👌
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