बारिशें .. ये बारिशें, मुझको भिगाने क्यों लगी ,
साज़िशें.. ये साज़िशें, मुझको हैं तेरी लग रही |
मैं प्यास अगर तू पानी है ,
मैं इश्क़ तू मेरी कहानी है ,
हर बाज़ी जीत के मैं तुझपे ही हारा|
मैं नींद अगर तू ख्वाब मेरा ,
मैं गीत अगर तू साज़ मेरा ,
हर धुन मेरी पे बस है नाम तुम्हारा |
राश्ते ये मंज़िले जिसपे तू मुझे न मिले ,
सब हैं बेगाने क्यों लगे
बारिशें .. ये बारिशें, मुझको भिगाने क्यों लगी ,
साज़िशें.. ये साज़िशें, मुझको हैं तेरी लग रही |
मैं नज़र अगर तू आँख मेरे ,
रहता है संग संग साथ मेरे,
मैं जाओ जंहा भी साया साथ तुम्हारा |
एक डोर बंधे हैं दिल अपने ,
मोती में पिरोये हैं सपने ,
बारिस की हर एक बून्द में इश्क़ तुम्हारा |
इश्क़ का एहसास तू , बारिशों में जो पास तू ,
बुँदे ये गाने क्यों लगें
बारिशें .. ये बारिशें, मुझको भिगाने क्यों लगी ,
साज़िशें.. ये साज़िशें, मुझको हैं तेरी लग रही |
Very nice!
ReplyDeleteVery good. Keep GOING!
ReplyDelete❤️❤️❤️ beautiful 🥰❤️
ReplyDeleteWah such a nice one!!!!!!
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