Tuesday, August 16, 2022

बारिशें

बारिशें .. ये बारिशें, मुझको भिगाने क्यों लगी ,

साज़िशें.. ये साज़िशें, मुझको हैं तेरी लग रही |


मैं  प्यास  अगर  तू  पानी  है ,

मैं  इश्क़  तू  मेरी  कहानी  है ,

हर  बाज़ी  जीत  के  मैं  तुझपे  ही  हारा|


मैं  नींद  अगर  तू  ख्वाब  मेरा ,

मैं  गीत  अगर  तू  साज़  मेरा ,

हर  धुन  मेरी  पे  बस  है  नाम  तुम्हारा |


राश्ते  ये  मंज़िले  जिसपे  तू  मुझे  न  मिले ,

सब  हैं  बेगाने  क्यों  लगे 


बारिशें .. ये बारिशें, मुझको भिगाने क्यों लगी ,

साज़िशें.. ये साज़िशें, मुझको हैं तेरी लग रही |


मैं  नज़र  अगर  तू  आँख  मेरे ,

रहता  है  संग  संग  साथ  मेरे, 

मैं  जाओ  जंहा  भी  साया  साथ  तुम्हारा |


एक  डोर  बंधे  हैं  दिल  अपने ,

मोती  में  पिरोये  हैं  सपने ,

बारिस  की  हर  एक  बून्द  में  इश्क़  तुम्हारा |


इश्क़  का  एहसास  तू , बारिशों  में  जो  पास  तू ,

बुँदे  ये  गाने  क्यों  लगें 


बारिशें .. ये बारिशें, मुझको भिगाने क्यों लगी ,

साज़िशें.. ये साज़िशें, मुझको हैं तेरी लग रही |


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