राम आएंगे
आएंगे, आ रहे हैं से.. आ गए तक
राम ही थे, राम रहेंगे, राम ही हैं अब
आएंगे, आ रहे हैं से.. आ गए तक...
वो रूप अलौकिक, रूप अन्यतम, रूप विमोहन वाला
विष्णु अवतारी, वो भुजचारी, अद्भुत दीनदयाला
दयावान थे रघुकुल नंदन.. दयावान ही हैं अब..
आएंगे, आ रहे हैं से.. आ गए तक
विश्व स्वरूपा, अप्रतिम रूपा, जोको हृदय विशाला
वो युग अवतारी, सिंधु खरारी, संतन के प्रतिपाला
राम नाम का जाप रटे हैं..अवध पुरी में सब
आएंगे, आ रहे हैं से.. आ गए तक