शिव वंदना
शिव वंदन मैं करुँ तुम्हारी
अर्पित करदूँ दुनियां सारी
नाम तेरे कि धुन ऐसी की
अब पानी बस तेरी यारी
तुम शिव-शंकर और शिव-शक्ति हो
मुझ जैसे सेवक की भक्ति हो
तुम तांडव हो तुम्ही हो ध्यानी
त्रिलोकी तुमसा न कोई ज्ञानी
भोलेनाथ त्रिलोचन तुम हो
रूद्र, गिरीश, गंगाधर तुम हो
नीलकंठ तुम रामनाथ हो
तुम गौरी करुणानिधान हो
तुम पैगम्बर तुम त्रिपुरारी
शोषित निर्धन के उपकारी
जिसको ये जग न अपनाता
तुमही में वो आश्रय है पाता
मेरी वीनती है दो भक्ति तुम्हारी
जय जय भोले, जय जय भंडारी
नाम तेरे की धुन ऐसी की
अब पानी बस तेरी यारी